पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता नवाज़ शरीफ़ वकीलों के लांग मार्च की अगुआई करते हुए राजधानी इस्लामाबाद की ओर रवाना हो गए हैं। देश में गत कुछ दिनों से चल रही राजनीतिक गहमा-गहमी उस समय तेज हो गई जब रविवार सुबह यह ख़बर आई कि नवाज शरीफ को नजरबंद कर लिया गया है।
हालांकि पाकिस्तान सरकार ने ऐसी बात से साफ इनकार किया है। वैसे विपक्ष के नेता नवाज शरीफ के लांग मार्च की अगुआई करने से इस बात के साफ संकेत मिल रहे है कि पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता की तरफ तेजी से बढ़ रहा है।
दूसरी तरफ लाहौर में इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे वकीलों व लांग मार्च के समर्थकों और पुलिस के बीच जम कर संघर्ष हुआ। यह मार्च दो वर्ष पहले पद से हटाए गए न्यायाधीशों की फिर से बहाली की मांग के समर्थन निकाल गया है।
मार्च का नेतृत्व कर रहे शरीफ के साथ उनकी पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता हैं। वे जैसे-जैसे आगे बढ़ते गए उनके समर्थकों का हुजूम लगातार बढ़ता गया।
लाहौर में अपने आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए शरीफ ने वकीलों के इस लांग मार्च के साथ जुड़ने के लिए लोगों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उन्हें नजरबंद करना व इस्लामाबद जाने से रोकने की कोशिश करना गैरकानूनी था।
एक समाचार चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद हमारी नियति है और हम इस्लामाबाद के लिए निकल पड़े हैं। लोग आश्चर्यजनक रूप से हमारा समर्थन कर रही है। यह देश में क्रांति की शुरुआत है।