पिछले सप्ताह ६ अगस्त को भारत वापस आई तसलीमा का वीजा छः महीने के लिए बढा दिया गया है . विवादास्पद लेखिका तसलीमा नसरीन को इसी वर्ष मार्च महीने में भारत छोड़ने का फरमान सुनाया गया था . कोलकाता में कट्टरपंथियों के विरोध के बाद तसलीमा को किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया था . जिसके बाद तसलीमा यूरोप चली गयी थी .
एक बयान में तस्लीमा ने कहा कि मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि भारत सरकार द्वारा यहां और छह महीने रहने की अनुमति देने के लिए मैं उनकी आभारी हूं। फिलहाल , वो न्यूयॉर्क यूनीवर्सिटी में शोधार्थी के रूप में काम कर रही हैं और उनकी फेलोशिप इस साल दिसंबर में खत्म हो जाएगी।उन्होंने कहा ; मुझे न्यूयॉर्क जाना है, लेकिन मैं भारत में रहने के लिए जनवरी में वापस लौटूंगी। 47 वर्षीय लेखिका तसलीमा ने महिलाओं और हिन्दुओं पर बांग्लादेश में हो रहे लोमहर्षक अत्याचारों पर कई उपन्यास और कहानियाँ लिखी हैं । इस वजह से लेखिका को वहां से भाग कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी लेकिन मुसीबतों ने यहाँ भी पीछा नही छोड़ा । दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में तसलीमा पर जानलेवा हमले भी किए गए । सबसे आर्श्चय की बात है कि यह हमला एक जनप्रतिनिधि (लोकतंत्र के प्रहरी) ने किया ! इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि हम कुछ पोंगापंथियों के भय से एक महिला शरणार्थी के अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकते !