केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम पर जूता फेंककर अपना आक्रोश व्यक्त करने वाले पत्रकार जनरैल सिंह दो लाख रुपए के पुरस्कार से सम्मानित होंगे। शिरोमणी अकाल दल ने जनरैल सिंह के ‘साहस और बहादुरी’ की प्रशंसा की है और उन्हें दो लाख रुपए नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।विदित हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदीश टाइटलर को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा निर्दोष करार दिए जाने से नाराज, जनरैल सिंह ने मंगलवार, 7 अप्रैल को राजधानी स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में चिदंबरम पर जूता फेंककर सनसनी फैला दी थी।
शिरोमणी अकाली दल के राष्ट्रीय महासचिव अवतार सिंह हित ने ‘आईएएनएस’ से कहा, “यह निर्णय हमने जूता फेंकने के कारण नहीं लिया है बल्कि यह हमारी पीड़ा को दर्शाता है। भगत सिंह ने भी विधानसभा में बम फेंका था। पत्रकार के साहस और बहादुरी भरे कदम के लिए हम उसे दो लाख रुपए देने की घोषणा करते हैं”।
शिरोमणी अकाल दल की दिल्ली ईकाई के अध्यक्ष मंजीत सिंह ने भी जनरैल सिंह के कदम का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा, “हम सिंह का समर्थन करते हैं। उन्होंने जो कुछ किया वह देशभर के सिखों की भावना को दर्शाता है”।
संवाददाता सम्मेलन में जनरैल सिंह ने चिदम्बरम से जानना चाहा था कि किन हालातों में सीबीआई ने टाइटलर को क्लीन चिट दी।
चिदम्बरम ने जनरैल सिंह के सवाल का जवाब देते हुए कहा था, “न तो गृह मंत्रालय और न ही किसी अन्य मंत्रालय ने सीबीआई पर दबाव डाला था। सीबीआई ने सिर्फ रिपोर्ट दी थी। यह अदालत पर निर्भर करता है कि वह सीबीआई की रिपोर्ट को स्वीकार करे या खारिज करे”।
इस सवाल पर चिदम्बरम और सिंह के बीच थोड़ी बहस भी हुई।
चिदम्बरम ने सिंह से आग्रह किया वे बहस न करे जबकि सिंह उनसे सवाल पूछे जा रहे थे। इसी बीच अचानक सिंह ने जूता निकाल चिदम्बरम पर फेंका डाला जो उनसे कुछ दूरी पर गिरा।
बाद में जनरैल सिंह को पुलिस थाने ले जाया गया जहां उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मेरा तरीका गलत हो सकता है लेकिन मेरा मुद्दा सही था।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वे इस घटना के लिए माफी मांगेगे, इसके जवाब में उन्होंने कहा, “माफी किस बात की। मैंने जो मुद्दा उठाया था वह सही था।”
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