बीते कुछ दिनो से देश में मुस्लिम समुदाय में प्रचलित ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर बहस तेज़ हो चुकी है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सोमवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने अपनी बात देश के सामने रखी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि केन्द्र सरकार निजी कानूनों की आड़ में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन नही होने देगी।
सोमवार को उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड़ में परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ट्रिपल तलाक के चलते हम मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी बर्बाद होने नही दे सकते।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस प्रकार के संवेदनशील मुद्दों का राजनीतिकरण नही होना चाहिये। उन्होंने कहा कि तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं को इस मुद्दे पर लोगों की भावनाओं को भड़काने से बचना चाहिये। पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ वोट की राजनीति के लिये ट्रिपल तलाक जैसे कानून को बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जा सकता।
केन्द्र सरकार ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि ये मुद्दा न तो किसी धर्म, न तो किसी राजनीतिक दल और न ही समान नागरिक संहिता से जुड़ा हुआ है ये मुद्दा सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के बराबरी के हक और उनके सम्मान से जीने के अधिकार के साथ जुड़ा हुआ है।
ट्रिपल तलाक को खत्म करने को लेकर उत्तराखंड़ निवासी एक महिला शायरा बानो ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, इसके बाद बहुत बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची और बदलाव की मांग की।
इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में एनडीए सरकार ने दिये अपने हलफनामें में इस बात को स्पष्ट किया है कि प्रत्येक महिला जिस पर ये ट्रिपल तलाक कानून लागू होता है उसे लगातार इस डर से जीना पड़ता है। ट्रिपल तलाक की तलवार उसके वैवाहिक और सामाजिक जीवन पर लटक रही है ये भय उसके गरिमा और आत्मविश्वास के साथ जीने के अधिकार पर बुरा असर डालता है।