नीट की परीक्षा का ससुराली गठजोड़

नवेन्दु उन्मेष

नीट की परीक्षा को आखिर लीक होना था सो हो गया। वैसे तो आये दिन कोई न
कोई परीक्षा लीक होती ही रहती है। लेकिन नीट की परीक्षा को लेकर कुछ लोग
ज्यादा ही हाय तौबा मचा रहे हैं। कुछ लोग जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे
लगाते हुए सड़को पर पुतले फूंक रहे हैं तो कुछ लोग धरना-प्रदर्षन करके नीट
परीक्षा हाय-हाय के भी नारे लगा रहे हैं। ऐसे लोगों को आखिर कौन समझाये
कि प्रत्येक परीक्षा में ससुराली गठजोड़ छिपा रहता है। संभव है कि नीट की
परीक्षा में भी ससुराली गठजोड़ रहा होगा। ससुराल वालों को मालूम होगा कि
आखिर नीट की परीक्षा लेने वाला जीजा प्रश्नपत्र कहां से और कैंसे लाता है
और कहां रखता है। मुझे तो सबसे ज्यादा आश्चर्य तब हुआ जब जीजा जी
हजारीबाग में परीक्षा का प्रश्नपत्र एक बैलगाड़ी यानी ई रिक्शा पर लाद कर
लाये। यह काम तो कोई जीजा ही कर सकता था क्यों कि उसे अपने ससुराल वालों
पर पूरा भरोसा था कि वे इसे लीक नहीं कर सकते हैं।

मुझे तो श्रीमती जी ने परीक्षा होने के दो-तीन दिन बाद ही बतला दिया था
कि नीट की परीक्षा लीक हो गयी है। तब मैंने हंसते हुए कहा था इसमें कौन
सी नयी बात है। तब उन्होंने ने मुझे डपटते हुए कहा मुझे अपने बेटे की
फिक्र पड़ी है और एक तुम होकि परीक्षा लीक हो जाने पर हंस रहे हो। मैंने
उनसे कहा प्रत्येक परीक्षा में कुछ न कुछ कमाई का साधन छिपा रहता है।

तब श्रीमती ने मुझसे कहा मैं सोच रही थी कि साल भर बेटे ने जमकर नीट की
तैयारी की है और इसबार वह अच्छे नंबर से पास करेगा तो उसकी किसी मेडिकल
कॉलेज में नामांकन करा दूंगी। इसके बाद वह भविष्य में अच्छा डॉक्टर बनकर
देश की सेवा करेगा। तब मैंने श्रीमती जी से कहा था कि नीट की परीक्षा में
बैठने से अच्छा है यूक्रेन चला जाना वहां डॉक्टर बनने के व्यापक स्कोप
हैं।

मैंने श्रीमती से कहा कि नीट की परीक्षा लेने वाले दामाद जानते ही नहीं
हैं कि परीक्षा कैसे ली जाती है। उन्हें तो अपने ससुराली रिश्तेदारों पर
पूरा भरोसा रहा होगा। इसीलिए सालों ने परीक्षा लीक करा दी। यहां तक कि
प्रश्नपत्र हल करके लाखों रुपये में उसे बेच भी आये। खरीदार भी ऐसे की
कुछ घंटों में सारे के सारे प्रश्न के हल रट लिये। जाहिर है नीट की
परीक्षा ने एक नया बाजार भी पैदा किया। अब सीबीआई वाले विभिन्न राज्यों
में छापेमारी कर रहे हैं कि परीक्षा लीक करने वाले ससुराली रिश्तेदार
कहां-कहां छिपे हैं। कभी वे महाराष्ट्र जाते हैं तो कभी बिहार या कभी
झारखंड। वह भी ऐसे समय में जब लीक हुई पाइप से न जाने कितना पानी बह चुका
होगा।

मेरे विचार से सीबीआई वालों को शायद मालूम ही नहीं कि बिहार में परीक्षा
कैसे ली जाती है। उन लोगों ने वह तस्वीर नहीं देखी होगी जिसमें परीक्षा
केंद्र की प्रत्येक खिड़की पर चीट पहुंचाने वालों का तातां लगा हुआ था।

मुझमें और मेरी श्रीमती जी में यही फर्क है कि वह चाहती हैं कि बेटा नीट
की परीक्षा देकर डॉक्टर बन जाये। लेकिन मेरी तमन्ना यह है कि बेटा नीट और
चीट की परीक्षा देने से अच्छा नेतागिरी की दुकान सजाये। एक बार दुकान
अच्छी चल गयी तो नीट और चीट सभी जेब में लेकर घूमेगा। क्या डॉक्टर और
इंजीनियर, क्या आईपीएस और क्या आईएएस सभी उसके आगे पीछे घूूमेंगे। बेटा
जिधर चाहेगा उन्हें घुमा लेगा लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि श्रीमती जी पर
नीट का भूत सवार है। अब सवाल यह है कि आखिर यह भूत उतरेगा तो कैसे। जब तक
नीट परीक्षा की ससुराली गठजोड़ का  पर्दाफाश नहीं हो जाता तब तक परीक्षा
पाक-साफ हो नहीं सकती है।

नवेन्दु उन्मेष

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