नरेंद्र मोदी जी – जी २० सदस्यता और बी बी सी डॉक्यूमेंट्री विवाद 

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जी-२० समूह की अध्यक्षता करने का दायित्व मिला है।। वैश्विक स्तर पर भारत और मोदी जी के लिए यह बहुत गर्व की बात है। मोदी के नेतॄत्व को विश्व स्वीकार कर रहा है, और भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व मोदी जी के नेतॄत्व में स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रहा है। विश्व को विकास और शांति की राह पर ले चलने का सामर्थ्य केवल और केवल मोदी जी में है। यह आज भारत की जनता ही नहीं अपितु सारा विश्व जान रहा है, मान रहा है।

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल हों, या फिर जो बाइडेन,फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों सभी मोदी जी को जी-२० की अध्यक्षता प्राप्त होने से उत्साहित है, सभी उन्हें खुल ह्र्दय से शुभकामनायें दे रहे हें। कहते हैं कि- सफलता कभी अकेले नहीं आती, साथ में लाती है, बहुत सी जिम्मेदारियां और बहुत से शत्रु। मोदी जी की विश्व स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता से परेशान होने वाले लोगों, और देशों की कमी नहीं है। चीन हो, या पाकिस्तान दोनों के लिए मोदी जी को जी-२० की अध्यक्षता प्राप्त होना, समस्या बनी हुई है। भारत के विरोधी दल, वामपंथी भी इस सफलता को देख पर तिलमिला कर रह गये है। विरोधी दलों और शत्रु देशों की प्रयास है कि किसी तरह मोदी जी की बढ़ती लोकप्रियता के रथ पर विराम लगाया जाए। विश्व में मोदी जी और भारत का नाम किस प्रकार खराब किया जाए? इस विषय को लेकर कई देशों के अध्यक्षों और विरोधियों की रातों की नींद उड़ी हुई है।

बड़े बड़े देशों के राष्ट अध्यक्षों को भी यह अच्छा नहीं लग रहा होगा कि, कैसे कुछ समय में ही मोदी जी विश्व में इतने अधिक लोकप्रिय हो गए है, अपनी बढ़ती लोकप्रियता का भुगतान मोदी जी को शत्रुओं की कुनीति, षडयंत्रों और साजिशों से करना पड़ता है। अमेरिका हों या रूस सभी को यह सफलता कहीं न कहीं चुभ रही होगी। चीन, पाकिस्तान और अन्य बड़े इस सफलता को पचा नहीं पा रहे हैं, जिसका परिणाम आज यह है कि मोदी की छवि खराब करने के लिए बी बी सी डॉक्यूमेंट्री विवाद को सामने लाया गया है। यह वैश्विक रूप से मोदी जी के खिलाफ साजिश है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि मोदी जी पर विवाद और अडानी जी को आर्थिक नुकसान दोनों एक ही समय पर हुआ। कांग्रेस और विरोधी जब भी मोदी जी पर किसी बात को लेकर वाद-विवाद करते है तो मोदी जी और अडानी जी दोनों का नाम एक साथ लेकर, प्रश्न उठाते हैं, और दोनों को परेशान करने की कोशिश एक साथ की गई है। 

आईये मोदी जी की कुंडली से देखें, ऐसा क्यों हुआ है- 

वृश्चिक लग्न की कुंडली में चंद्र-मंगल लग्न भाव में है। वर्तमान में मोदी जी की कुंडली में मंगल की महादशा में राहु की अंतर्द्शा प्रभावी है। राहु की अंतर्द्शा में जातक को साजिश और षडयंत्रों का सामना करना भी पड़ता है। राहु का यह अंतर मई २०२३ तक रहने वाला है। उसके बाद मंगल महादशा में शनि की अंतर्द्शा शुरु होगी। गोचर में राहु इस समय मोदी जी की कुंडली के छठे भाव अर्थात शत्रु भाव पर गोचर कर रहे है। यह भी स्पष्ट कर रहा है, कि मोदी जी के शत्रु उन्हें परेशान करने में कोई बड़ी गहरी साजिश कर रहे हैं। छठा भाव विरोधियों, शत्रुओं का भाव होता है, अष्टम भाव गुप्त विषयों का भाव होता है। मोदी जी की कुंडली में बुध अष्टमेश है जो राहु की सप्तम दॄष्टि से प्रभावित है, अर्थात मोदी जी को समय समय पर अपने शत्रुओं के द्वारा साजिशों का सामना करना ही होगा। गोचर पर ध्यान दें तो केतु द्वादश भाव पर विचरण कर रहे हैं जो शत्रुओं, विरोधियों को अपने साहस से शांत रखने में पूर्णत सफल रहेंगे।

गोचर में शनि की तीसरी दॄष्टि भी शत्रुओं को सिर नहीं उठाने देगी। कुळ मिलाकर यह कहा जा सकता है कि मोदी जी विश्व में भारत का झंडा लहराते रहेंगे। विरोधी पार्टियां हों या फिर विरोधी देश परेशान होने के अलावा कुछ नहीं कर पायेंगे। 

फिर भी मोदी जी को यह ध्यान रखना चाहिए कि इस समय शनि उनकी जन्म राशि से चौथे भाव पर गोचर कर रहे हैं। ऐसे में मोदी जी की कुंडली पर शनि ढैय्या प्रभावी है, चतुर्थ ढ़ैय्या ह्रदय पर कष्ट दे सकती है। सकारात्मक बात यह है कि शनि इस समय स्वराशि में गोचर कर रहे हैं और चतुर्थ भाव पर होने के कारण मोदी जी की लोकप्रियता आमजन में दिन दुगुनी रात चौगुणी बढ़ने वाली है।

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