मेरी लाज तुम्हारे हाथ, पवनसुत अंजनी के लाला -2
हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ -2, पवनसुत अंजनी के लाला | मेरी लाज तुम्हारे हाथ…..
- चैत्र मास मंगल की पुण्यो , जनम केसरी के घर में है लीन्यो,
हर्षित है पितु और मात, पवनसुत अंजनी के लाला | हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ…. - शंकर सुवन केसरी नंदन, पवन तनय जग करता वन्दन
त्रिलोक में हो विख्यात, पवनसुत अंजनी के लाला | हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ…. - रामकाज को है तुम अवतारा, कपीस रूप शिव शंकर धारा
दिया राम का हरदम साथ, पवनसुत अंजनी के लाला | हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ…. - अजर-अमर गुण निधन कहावौ, यह वर सीत राम से पायौ
तेरे शीश पे राम को हाथ, पवनसुत अंजनी के लाला | हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ…. - राम राम ही सदा सुमिरते, भक्तों के तुम संकट हरते
नन्दों चरणों का दास, पवनसुत अंजनी के लाला | हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ….