मेरी लाज तुम्हारे हाथ, पवनसुत अंजनी के लाला

मेरी लाज तुम्हारे हाथ, पवनसुत अंजनी के लाला -2
हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ -2, पवनसुत अंजनी के लाला | मेरी लाज तुम्हारे हाथ…..

  1. चैत्र मास मंगल की पुण्यो , जनम केसरी के घर में है लीन्यो,
    हर्षित है पितु और मात, पवनसुत अंजनी के लाला | हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ….
  2. शंकर सुवन केसरी नंदन, पवन तनय जग करता वन्दन
    त्रिलोक में हो विख्यात, पवनसुत अंजनी के लाला | हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ….
  3. रामकाज को है तुम अवतारा, कपीस रूप शिव शंकर धारा
    दिया राम का हरदम साथ, पवनसुत अंजनी के लाला | हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ….
  4. अजर-अमर गुण निधन कहावौ, यह वर सीत राम से पायौ
    तेरे शीश पे राम को हाथ, पवनसुत अंजनी के लाला | हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ….
  5. राम राम ही सदा सुमिरते, भक्तों के तुम संकट हरते
    नन्दों चरणों का दास, पवनसुत अंजनी के लाला | हो मेरी लाज तुम्हारे हाथ….

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