जम्मू और कश्मीर के बारामूला संसदीय क्षेत्र पर बुधवार को अंतिम चरण के दौरान मतदान होना है। देश की निगाहें यहां टिकी हुई हैं। इसकी वजह अलगाववादी नेता सज्जाद गनी लोन का यहां से चुनाव में भाग लेना है।बारामूला सीट से वैसे तो 13 उम्मीदवार मैदान में हैं। लेकिन, मुकाबला सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार शरीफुद्दीन शरीक, मुख्य विपक्षी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के मोहम्मद दिलावर मीर और पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन के बीच ही है।
पीपुल्स कांफ्रेंस के संस्थापक और सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी लोन की वर्ष 2003 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। इसके सज्जाद अलगाववादी धड़े का नेतृत्व करने लगे। पर उनका चुनाव में हिस्सा लेना घाटी की राजनीति में एक बड़े परिवर्तन का सूचक है। हालांकि, लोन अपने इस कदम को रणनीतिक परिवर्तन बताते हैं। न कि विचाराधारा का परिवर्तन।
चुनाव प्रचार के दौरान लोन ने मतदाताओं से कहा कि वे कश्मीर के लोगों की भावनाओं को भारतीय संसद तक ले जाएंगे। गौरतलब है कि लोन इस चुनाव से पहले तक संसदीय चुनावों को फिजूल की कवायद बताया करते थे। लेकिन, उनके इस निर्णय के बाद इस क्षेत्र में संघर्ष त्रिकोणीय व रोचक हो गया है।