अनिल अनूप
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को दिए एक साक्षत्कार में कहा कि पाकिस्तान एक लड़ाई में सुधरने वाला नहीं है। पाकिस्तान को सुधरने में अभी समय लगेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तान को लेकर उपरोक्त टिप्पणी दर्शाती है कि मोदी पाकिस्तान की भारत विरोधी नीति को समझ रहे हैं और केवल उचित समय का इंतजार भर ही कर रहे हैं। भारत पाकिस्तान से संवाद जारी रखना चाहता है लेकिन साथ में यह भी चाहता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन व संरक्षण देना बंद करे।
पाकिस्तान अपनी नकारात्मक नीतियों के कारण आज राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक परेशानियों को झेलने पर मजबूर है। केवल और केवल भारत विरोध के लिए पाकिस्तान वह कर रहा है जिससे उसकी आर्थिक स्थिति खराब होती चली जा रही है। परिणामस्वरूप उसका नकारात्मक प्रभाव जन साधारण पर पड़ रहा है। सैन्य खर्च बढऩे के कारण पाकिस्तान को विकास की राह में एक नहीं अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
प्राप्त सूचनाओं के अनुसार पाकिस्तान करीब 600 टैंक खरीद रहा है जिसमें रूस से टी-90 टैंक भी शामिल है। टैंक खरीदने के पीछे पाकिस्तान की मंशा भारत के साथ लगती सीमा पर अपनी लड़ाकू क्षमता बढ़ाना ही है। सूत्रों अनुसार इनमें से ज्यादातर टैंक 3 से 4 किमी की दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम होंगे और वे कुछ टैंकों को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात करने वाले हैं। उन अनुसार युद्धक टैंकों के अलावा पाकिस्तानी सेना इटली से 150 एमएम की 245 एसपी माइक-10 भी खरीद रही है, जिनमें से 120 तोपें वह ले चुकी है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान रूस से कई टी-90 युद्धक टैंक खरीदने की सोच रहा है, जो भारतीय सेना का मुख्य आधार है। पाकिस्तान का यह कदम रूस के साथ मजबूत रक्षा संबंध बनाने के इरादे को दर्शाता है। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने 2025 तक अपनेे बख्तरबंद बेड़े को मजबूत करने के लिए वैश्विक स्तर पर कम से कम 360 युद्धक टैंक खरीदने का फैसला किया है। चीन की मदद से वह 220 टैंकों को स्वदेश में तैयार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार अभी पाकिस्तान के 70 प्रतिशत टैंक रात में संचालित होने की क्षमता रखते हैं जो चिंता का विषय है। टी-90 टैंकों के अलावा, पाकिस्तान थल सेना चीनी वीटी-4 टैंक और यूक्रेन से अपलोड पी टैंक हासिल करने की प्रक्रिया में है। इन दोनों तरह के टैंकों के लिए पाकिस्तान सेना पहले से ही परीक्षण कर रही है। रक्षा मामलों के एक विशेषज्ञ ने कहा कि पाकिस्तान थल सेना अपने बख्तरबंद रेजीमेंटों का आधुनिकीकरण समयबद्ध तरीके से कर रही है जो भारत में नहीं हो रहा है।
भारत विरोध की नीति पर चलते हुए पाकिस्तान कनाडा में खालिस्तानी तत्वों को समर्थन दे रहा है और रेफरंडम 20-20 के लिए भारत विरोधियों की सहायता विश्व स्तर पर कर रहा है। पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी संगठन को भारत सरकार ने देश विरोधी करार देकर उसकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया है। कनाडा सरकार भी अब भारत विरोधियों पर निगरानी रख रही है।
पाकिस्तान आतंकियों को समर्थन व संरक्षण तो देता ही है साथ में सीमा पार करा कर भारत के भीतर अशांति भी फैलाना चाह रहा है। पाकिस्तान आये दिन संघर्ष विराम का उल्लंघन भी करता है और आतंकियों की घुसपैठ का प्रयास भी हर समय करता रहता है। कश्मीर घाटी में हालात खराब होने का एक बड़ा कारण पाकिस्तान का हस्तक्षेप ही है।
पाकिस्तान को उसकी भाषा में समझाने का प्रयास मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक द्वारा किया था लेकिन पाकिस्तान ने फिर भी अपनी नकारात्मक नीति को नहीं छोड़ा। पाक की उपरोक्त नकारात्मक नीति को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि पाक एक लड़ाई से सुधरने वाला नहीं है। प्रधानमंत्री जो कह रहे हैं वह ऐसा कटु सत्य है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसलिए मोदी सरकार को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के नापाक इरादों का तो भंडाफोड़ करने के साथ-साथ देश की सीमाओं पर भी सतर्क रहना होगा। पाकिस्तान की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों को देखते हुए भारत को पाकिस्तान के साथ लड़ाई के लिए तैयार रहने के साथ-साथ संवाद के लिए भी तैयार रहना होगा। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि उपरोक्त दोनों नीतियों में से किसके तहत पाकिस्तान सुधर सकता है, भारत को तो दोनों मोर्चों पर तैयार रहना चाहिए।